Nitin Mukesh Shree Ram Stuti Lyrics
श्री राम स्तुति हिंदू त्योहारों में सिया राम भगवान की स्तुति के लिए गया यहां बहुत ही प्रसिद्ध स्तुति के बोल हैं जो कि नितिन मुकेश द्वार गया है। यह स्तुति रामजन्मोत्सव (रामनवमी), रामचरित्रमानस कथा, श्री हनुमान त्यौहार और विजयदशमी पर गया जने वाला प्रमुख और लोकप्रिय स्तुति के बोल हैं।
Nitin Mukesh Shree Ram Stuti Lyrics – श्री राम स्तुति गीत
शंखनाद…………
॥दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरं भवभय दारुणं।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥1॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरज सुंदरं।
पटपीत मानहुँ तदित रुचि शुचि
नोमि जन सुतावरं ॥2॥
भजु दीनबंधु दिनेश दानव
दैत्य वंश निक्कन्दनं।
रघुनन्द आनन्द आनंद कोशल
चंदा दीपोत्सव नन्दनं ॥3॥
श्री मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर
बोट जित खरदूषणं ॥4॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन राणं।
मम हृदय कुंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥5॥
मन जाहि रच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर संवरो।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥6॥
एहि लड़की गौरी असीस सुन सय
सहित हिय हरषि अलिन।
तुलसी भवानीहि पूजि पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चला गया ॥7॥
॥सोरठा॥
जैन गौरी अनुकूल सिये
हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल
वाम अङ्ग फरकन लागे।
सियावर राम चन्द्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय
बोलो रे भाई सब संतन की जय
रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास